21 मई 2025 - 20:25
फिलिस्तीन पहुंचे इंटरनेशनल डेलिगेशन पर ज़ायोनी सेना ने किया हमला 

इस प्रतिनिधिमंडल में मिस्र, जॉर्डन, मोरक्को, यूरोपीय संघ, पुर्तगाल, चीन, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, बुल्गारिया, तुर्की, स्पेन, लिथुआनिया, पोलैंड, रूस, तुर्की, जापान, रोमानिया, मैक्सिको, श्रीलंका, कनाडा, भारत, चिली, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम के राजदूत और अन्य देशों के कई प्रतिनिधि शामिल थे।

फिलिस्तीन में लगभग दो साल से क़त्ले आम कर रही ज़ायोनी सेना ने हालात का ज़ायज़ा लेने के लिए वेस्ट बैंक पहुंचे डेलीगेशन पर गोलीबारी की।  यह 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल फिलिस्तीन की भयावह स्थिति के बारे में जानने के लिए जेनिन शिविर गया था, जब इसे ज़ायोनी सैनिकों ने निशाना पर ले लिया। 

इस प्रतिनिधिमंडल में मिस्र, जॉर्डन, मोरक्को, यूरोपीय संघ, पुर्तगाल, चीन, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, बुल्गारिया, तुर्की, स्पेन, लिथुआनिया, पोलैंड, रूस, तुर्की, जापान, रोमानिया, मैक्सिको, श्रीलंका, कनाडा, भारत, चिली, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम के राजदूत और अन्य देशों के कई प्रतिनिधि शामिल थे।

प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान, जेनिन के गवर्नर ने शहर और शरणार्थी शिविर की आर्थिक स्थिति, शहर की बुनियादी सुविधाओं पर ज़ायोनी सेना के बर्बर हमले, शहर के बुनियादी ढांचे और यहाँ के विनाश के साथ-साथ अकेले जेनिन के उन 22,000 विस्थापित लोगों की स्थिति का विस्तृत विवरण दिया, जिन्हें ज़ायोनी सेना के अत्याचार के कारण अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने ज़ायोनी सेना द्वारा विदेशी राजनयिक मिशन को सीधे तौर पर निशाना बनाए जाने की निंदा की और अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि आक्रामकता का यह कृत्य अंतरराष्ट्रीय कानून और 1961 के वियना कन्वेंशन में निहित राजनयिक संबंधों के सबसे बुनियादी नियमों का स्पष्ट और गंभीर उल्लंघन है, जो राजनयिक मिशनों और प्रतिनिधिमंडलों की सुरक्षा और उन्मुक्ति की गारंटी देता है।

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